जब भी जन्म कुंडली के अंदर शुक्र देव 4 स्थान में बैठ जाते हैं तो ऐसी अवस्था के अंदर व्यक्ति के दो शादी के योग बन जाते हैं कहीं सारी पत्रिकाओं में देखा गया है कि जब शुक्र 4 घर में होता है तो इंसान के दो विवाह हुए हैं तो ऐसी अवस्था के अंदर आपके दो विवाह ना हो जिनकी कुंडली में भी योग बन रहा हो तो ऐसे में
अपनी जीवनसाथी के साथ उनका नाम बदलकर दोबारा फेर लेना एक कारीगर उपाय साबित होगा l
ऐसे योग में जीवनसाथी को सेहत को लेकर के तथा मानसिक चिताओं व दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जीवनसाथी को मृत्युदंड कष्ट की प्राप्ति होती है या वह घर छोड़कर ही चले जाती है और सुखमय जीवन कम व्यतीत करता है परंतु यदि आप दोबारा फेरे ले लेंगे तो टूटने वाले योग से बचाव रहेगा आपका दो विवाह के योग टाले जा सकते हैं ऐसा करने पर l
समाज में कई लोग ऐसे भी हैं जो किसी पौधे से, किसी घड़े से, किसी पीपल के पेड़ से कन्या का विवाह कर देते हैं कि उसकी कुंडली में दो शादी के योग है जिसके कारण उसको आगे चलकर बहुत भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि ऐसा करने पर जो भी जीव जंतु पितृ आत्माएं उसे पेड़ के साथ या जीव के साथ या चीजों के साथ लगी होती हैं वह भी उसे बंध जाती है जिसके कारण से उसका जीवन सुख में व्यतीत नहीं हो पता तो ऐसी गलती कदापि न करें अपने जीवनसाथी के साथ दोबारा फेर लेना सबसे बढ़िया कारीगर उपाय साबित होगा |